शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

नाफ़रमानी पर उखड़ी विजया


मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक भले ही उत्तराखंड के हर गांव को सड़कों से जोड़ने की हसरत रखते हों, मगर ग्रामीण विकास विभाग के अभियंताओं की यह ख्वाहिश शायद नहीं है । उनकी अरूचि और नकारेपन की गवाही दे रहे हैं सड़क योजनाओं के वे आंकड़े जिन्हें देखकर ग्राम विकास राज्यमंत्री विजया बड़थ्वाल दंग रह गई । यह सुनकर उनका परा चढ़ गया कि लक्ष्य पर रखी गई 58 योजनाओं में से सिर्फ पांच ही सिरे चढ़ पाईं । सितंबर महीने तक सिर्फ 24 बसे गांवों को ही संपर्क मार्गों से जोड़ा जा सका जबकि लक्ष्य 110 गांवों को जोड़ने का है ।
शुक्रवार को राज्यमंत्री ने विधानसभा में एक समीक्षा बैठक बुलाई थी । बैठक में आला अफसरानों के अलावा फील्ड से तमाम अभियंता भी पहंुचे थेे । राज्यमंत्री ने जैसे-जैसे सड़क योजनाओं का हिसाब लेना शुरू किया, अभियंताओं के चेहरे का रंग उतरने लगा । आंकड़े विभागीय सुस्ती की पोल खोल रहे थे । बैठक के दौरान जब यह बताया गया कि 58 योजनाओं में से 13 योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य सितंबर 2009 तक रखा गया था लेकिन इनमें से पांच ही पूरी हो पाई तो यह सुनकर राज्यमंत्री खासी नाराज हुईं । बेहद कड़क अंदाज में उन्होंने अफसरों को चेताया कि गांवों को सड़कों से जोड़ना मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है, यदि सड़क निर्माण में कोई ढिलाई बरती गई तो अधिकारी कार्रवाई से बच नहीं पाएंगे । उन्होंने हिदायत दी कि किसी भी सूरत में आवंटित योजनाओं को इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाना चाहिए । इस दौरान वह अपने गृह जिले की प्रस्तावित योजनाओं का ब्यौरा तलब करने से भी नहीं चूकी । उन्होंने जनपद की नौंढ़खाल से मालाकोटा मार्ग में आ रहे सेतु की डीपीआर तत्काल यूआरआडीडीए को भेजने और आयता-चरेख मोटरमार्ग को जनवरी 2010 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए । वह इस सूचना से भी नाराज थीं कि 2009-10 के दौरान 110 में से अभी तक सिर्फ 24 बसे गांवों को ही संपर्क मार्गों से जोड़ा जा सका । उन्होंने उन ठेकेदारों को काम आंवटित करने पर रोक लगाने के निर्देश दिए जिनकी परफारमेंश बेहद ढ़ीली है । उन्होंने कहा कि ऐसे ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड कर उन पर पेनल्टी लगाई जाए ।

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