विवाह समारोह के बहाने भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री धन सिंह रावत के घर खिर्सू नौगांव में छह दिसंबर को भाजपाई दिग्गजों का कुंभ जुटने जा रहा है । उनकी दावत में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से लेकर प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्री के आने को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गरम हो उठा है । इसे श्रीनगर विधान सभा पर 2012 में होने वाले चुनावी महाभारत से जोड़कर देखा जा रहा है ।
धन सिंह रावत आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं । विद्यार्थी परिषद से प्रशिक्षित रावत को संगठन में लाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी माने जाते हैं । इसीलिए उन पर जब-तब कोश्यारी खेमे का ठप्पा लगता रहता है । उनकी शादी में दो पूर्व मुख्यमंत्री और खुद मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी समेत प्रदेश के कई भाजपाई दिग्गजों ने हाजिरी देकर बताया कि भाजपा में उनकी क्या अहमियत है । अब शादी के लगभग एक महीने बाद खिर्सू के पास स्थित उनके पैतृक गांव नौगांव में ‘डिनर डिप्लोमेसी’ जैसा आयोजन हो रहा है । उन्होंने शादी के बाद होने वाली इस दावत में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को दावतनामा भेजा है । उनके इस न्योते को कबूल करने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लोक सभा में भाजपा की उपनेता सुषमा स्वराज व पार्टी के अन्य कद्दावर नेता भी शामिल हैं । देहरादून से उनकी दावत में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जाएंगे ही, साथ ही तीनों पूर्व मुख्यमंत्री भी दावत छकने के लिए नौगांव में होंगे । पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल व कई मंत्रियों समेत पार्टी के कई नेता इस मौके पर मौजूद रहेंगे । नौगांव के पास वीआईपी नेताओं का उड़नखटोला उतराने के लिए बाकायदा हैलीपैड बनाया जा रहा है । दावत में पार्टीस्तर से ग्राम प्रधान, पंचायत प्रतिनिधियों सहित भाजपा के जिले व मंडल स्तर के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी जुटाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं । विश्वस्त सूत्रों का मानना है कि इतने बड़े जमावड़े को जुटाने के पीछे सिर्फ शादी की दावत एकमात्र कारण नहीं हो सकती और न ही धन सिंह पार्टी के इतने हाईप्रोफाइल नेता रहे हैं कि वह अपनी शादी की दावत को शक्ति परीक्षण में बदल दें । माना जा रहा है कि यह सारी बिसात 2012 के विस चुनाव में श्रीनगर सीट पर छिड़ने वाले महाभारत के लिए बिछाई जा रही है । मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर विरोधियों के कान खड़े कर दिए हैं । इसलिए सूत्र इस जमावड़े को उनकी चुनाव लड़ने की घोषणा से जोड़कर भी देख रहे हैं । सूत्रों का कहना है कि इस बहाने मुख्यमंत्री माहौल का जायजा ले सकते हैं । यह अजीब इत्तेफाक नहीं है कि छह दिसंबर को होनी वाली इस दावत के दिन बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ था और भाजपा इसे कुछ साल तक शौर्य दिवस के रूप में मनाती रही है । ऐसे समय में जब लिब्राहन कमीशन की रिपोर्ट देश भर में चर्चा का विषय बनी हुई है तब बाबरी विध्वंस के दिन भाजपा नेताओं का यह जमावड़ा खबरों के फोकस में रहने वाला है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें