पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी आज दिल्ली रवाना हो गए हैं।उनके दिल्ली दौरे को लेकर अटकलें लगनी शुरु हो गई हैं। माना जा रहा है कि जनरल अपने दिल्ली दौरे के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के आला नेताओं से मिलकर मुख्यमंत्री के रंगढंग के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भी आज रात दिल्ली पहुंचने की संभावना है। इन दो दिग्गजों के आलाकमान से मिलने की खबरों के चलते अटकलों का दौर शुरु हो गया है और प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की खबरें एक बार फिर से हवाओं में तैर रही हैं।
प्रदेश के मुखिया से पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की नाराजगी खत्म होती नजर नहीं आ रही है। पनबिजली परियोजनाओं में अपना नाम घसीटे जाने से वह खफा हैं। एक अंग्रेजी अखबार के दिल्ली संस्करण में राज्य के अफसरों के हवाले से इस घोटाले की जिम्मेदारी जनरल के सर पर डाले जाने की घटना ने जनरल के पारे को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। इस पर घी डालते हुए प्रतिपक्ष के नेता हरक सिंह रावत ने बीते दिन इस घोटाले में खंडूड़ी को भी लपेट लिया। उन्होने चुनौती दी है कि यदि जनरल पाक साफ हैं तो सामने आयें। गौरतलब है कि प्रतिपक्ष के नेता मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। इसलिए जनरल के समर्थक हरक सिंह रावत के इस हमले को मुख्यमंत्री द्वारा गाइडेड मिसाइल हमला मान रहे हैं। इस बीच पता चला है कि अपने पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ जनरल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र की भाषा काफी सख्त मानी जा रही है और उन सारे कदमों की जानकारी दी गई है जो जनरल के खिलाफ उन्ही की सरकार ने उठाए हैं। बताया जाता है कि जनरल ने कहा है कि मुख्यमंत्री उनके खिलाफ व्यक्तिगत अभियान चला रहे हैं। यहां तक कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में उनके कार्यकाल में मंजूरशुदा योजनाओं को भी रोक दिया गया हैे। बताया जाता है कि इसी पत्र के सिलसिले में गडकरी ने बात करने के लिए उन्हे दिल्ली बुलाया है। गडकरी और आडवाणी से उनकी मुलाकात अहम मानी जारही है। जनरल ने आलाकमान से पनबिजली प्रोजेक्टों को लेकर प्रेस कांफ्रेस करने की इजाजत भी मांग रहे हैं। आलाकमान को डर है कि यदि जनरल ने इस घपले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर दी तो भाजपा की जबरदस्त किरकिरी होगी। जनरल के सामने आने से भाजपा मुश्किल में फंस सकती है।
इस बीच पता चला है कि आलाकमान प्रदेश के बारे में कोई महत्वपूर्ण फैसला लेने से पहले मुख्यमंत्री, कोश्यारी और खंडूड़ी को एक साथ बिठाकर मौजूदा समस्या का समाधान खोजना चाहता है। लेकिन जनरल के समर्थकों का कहना है कि पनबिजली प्रोजेक्टों को लेकर जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ अभियान चलाया जारहा है उससे पैचअप की संभावनायें खत्म हो गई हैं। कोश्यारी के भी जनरल के साथ खड़े हो जाने से भी नेतृत्व परिवर्तन की मुहिम जोर पकड़ गई है। ताया जाता है कि यदि बातचीत से समस्या का हल नहीं निकला तो विधायकों का एक धड़ा सीधे सामने आ सकता है। उल्लेखनीय है कि सहसपुर विधायक के पिटाई कांड से भाजपा के विधायकों का एक धड़ा मोर्चा खोलने के लिए तैयार बैठा है। भाजपा की राजनीति में क्या गुल खिलता है इसके लिए शनिवार को आलाकमान से खंडूड़ी,कोश्यारी की मीट्रिग से तय होगा। सूत्रों का दावा है कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री को भी शनिवार को दिल्ली तलब कर लिया जाय।
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